सर्वेक्षण (surveying) क्या होता है | surveying kya hota hai
हैलो दोस्तों तो आज हम शुरू करने जा रहे हैं कि सर्वेक्षण (surveying) क्या होता है और कैसे किया जाता है। सर्वेक्षण नापतोल करने की कला है, जिसकी सहायता से भूमि, भूगर्व तथा आकाश में स्थित विभिन्न बिंदुओं की सापेक्ष (Relative) स्तिथि विभिन्न उपकरणों व विधियों द्वारा ज्ञात करके किसी उपयुक्त पैमाने द्वारा शीट में आलेखित की जाती है।
प्राय; इंजीनियरिंग के सभी निर्माण कार्य जैसे भवन, सड़क, रेलवे आदि के निर्माण से पूर्ण स्थल का सर्वेक्षण किया जाता है। सर्वेक्षण द्वारा स्थल की संपूर्ण जानकारी ज्ञात की जाती है।
सर्वेक्षण के मुख्य खण्ड (Main Division of Survey) :-
(1) समतल सर्वेक्षण (Plane Surveying)
(2) भूपृष्ठ सर्वेक्षण (Geodetic Surveying)
(1) समतल सर्वेक्षण (Plane Surveying) :-
इस प्रकार के सर्वेक्षण में पृथ्वी की वक्रता के प्रभाव को ध्यान में नहीं रखा जाता है अर्थात रेखीय व कोणीय मापों मैं पृथ्वी की वक्रता को ध्यान में नहीं रखा जाता है। यह सर्वेक्षण छोटे क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है क्योंकि 18.2 किलोमीटर की दूरी में पृथ्वी की वक्रता का प्रभाव केबल 1 सेकेंड के बराबर होता है।
(2) भूपृष्ठ सर्वेक्षण (Geodetic Surveying) :-
इस सर्वेक्षण के अंतर्गत पृथ्वी की वक्रता को ध्यान में रखा जाता है अर्थात रेखीय व कोणीय नाप पृथ्वी की भूवक्रता को ध्यान में रखते हुए त्रिकोणमिति से ज्ञात करके निकाले जाते हैं। यह सर्वेक्षण काफी बड़े क्षेत्र में उपयोग में लाया जाता है क्योंकि अधिक बड़े क्षेत्र में रेखीय व कोणीय नाप पृथ्वी की वक्रता के प्रभाव से बदल जाते हैं।
सर्वेक्षण का वर्गीकरण (Classification of Surveying) :-
सर्वेक्षण का वर्गीकरण निम्नानुसार किया गया है--
-
सर्वेक्षण क्षेत्र पर आधारित वर्गीकरण (According to Area of Survey) :-
इसके अंतर्गत निम्नलिखित सर्वे आते हैं--
- थल सर्वेक्षण (Land Survey) :-
थल सर्वे को पुनः निम्न प्रकार से वर्गीकृत किया गया है-
(A) नगर सर्वेक्षण (City Survey) :-
किसी शहर या नगर के अंतर्गत विभिन्न सड़कों, पानी आदि की व्यवस्था के लिए जो सर्वे किया जाता है उसे नगर सर्वे कहते हैं।
(B) स्थालाकृतिक सर्वेक्षण (Topographical Survey) :-
इस सर्वे के अंतर्गत किसी प्रदेश आधी की विभिन्न प्राकृतिक आकृतियों जैसे पहाड़, पर्वत, झील आदि की स्थिति निर्धारित की जाती है।
(C) भूकर सर्वेक्षण (Cadstrial Survey) :-
इस सर्वे का उद्देश्य भूमि का क्षेत्रफल ज्ञात करना तथा संपत्ति रेखा निर्धारित करना है।
- समुद्री सर्वेक्षण (Hydrographic Survey) :-
इस सर्वेक्षण का मुख्य उद्देश्य जल की गहराई, विस्तार ज्ञात करना है, जिससे विभिन्न प्रकार की जल योजनाएं बनाने में सहायता मिलती है। बंदरगाहों के निर्माण आदि में भी समुद्री सर्वेक्षण किया जाता है।
- हवाई सर्वेक्षण (Aerial Survey) :-
इस सर्वे का उपयोग बाढ़ या सूखा क्षेत्रों या भौगोलिक दृश्यों को देखने के लिए किया जाता है।
- खगोल सर्वेक्षण (Astronomical Survey) :-
इसका उपयोग आकाश में स्थित विभिन्न ग्रहों आदि की स्थिति ज्ञात करने के लिए किया जाता है।
2. सर्वेक्षण के उद्देश्यों के आधार पर वर्गीकरण (Classification According to Purpose of Survey) :-
इसको निन्मानुसार वर्गीकृत किया गया है -
(A) इंजीनियरिंग सर्वे (Engineering Survey) :-
यह सर्वे इंजीनियरिंग के विभिन्न निर्माण कार्य को संपन्न करने में विभिन्न आंकड़ों को प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
(B) खान सर्वेक्षण (Mine Survey) :-
यह सर्वे पृथ्वी के नीचे प्राकृतिक भंडार जैसे कोयला, पत्थर, सोना, चांदी आदि प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
(C) भूगर्भ सर्वेक्षण (Geological Survey) :-
यह सर्वे पृथ्वी की सतह के नीचे चट्टानों के स्तर आदि की जानकारी के लिए किया जाता है।
(D) सैनिक सर्वेक्षण (Military Survey) :-
इस सर्वे का उपयोग सैनिक कार्य जैसे सुरंग, पनडुब्बी, पुल आदि की जानकारी प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
3. सर्वेक्षण के उपकरण व विधि के आधार पर वर्गीकरण (Classification of Survey According to Method or Instrument Use) :-
यह निम्न प्रकार के होते हैं-
(A) जरीब या चेन सर्वेक्षण (Chain Survey)
(B) पटल सर्वेक्षण (Plane Table Survey)
(C) कंपास सर्वेक्षण (Compass Surveying)
(D) थियोडोलाइट सर्वेक्षण (Theodolite Surveying)
(E) फोटोग्राफी सर्वेक्षण (Photography Surveying)
(F) टेकोमीटर सर्वेक्षण (Techometric Surveying)
तकनीकी शब्द (Technical Terms) :-
(1) Survey :- सर्वे किसी क्षेत्र का नक्शा बनाने की कला है जिसमें उस क्षेत्र पर मौजूद अलग-अलग ऑब्जेक्ट की आपस में संबंधित पोजीशन, दूरी और कोण माप कर पता कर ली जाती है।
(2) Pacing :- किसी सर्वे लाइन पर सर्वेयर जितने कदम चलता है उसे गिन लेता है। यही पेंसिंग कहलाता है। इसमें सर्वेयर का अनुभव काम आता है जिससे वह कदमों की दूरी एक जैसी रखता है।
(3) Gunter's Chain :- इसको सर्वेयर चैन भी कहा जाता है इसकी लंबाई 100 लिंक के साथ 66 फिट रखी जाती है।
(4) Instrumental Errors :- सर्वे के उपकरणों की सैटिंग में कमी के कारण अथवा सटीकता कि एक हद होने के कारण सर्वे में इंस्ट्रुमेंटल नुक्स आ जाते हैं।
(5) Check Line :- सर्वे के दौरान खींची गई सर्वे लाइनों की सटीकता चैक करने के लिए चैक अथवा प्रूफ लाइनें खींची जाती हैं।
(6) Off Setting :- सर्वे के दौरान सर्वे लाइनों के दाएं अथवा बाएं तरफ जो ऑब्जेक्ट होते हैं उनकी दूरी सर्वे लाइन से माप ली जाती है। इसी को ऑफ सेटिंग का जाता है।
(7) R.F. :- ड्राइंग शीट पर बनाई गई दूरी और जमीन पर असल दूरी के अनुपात को R.F. (Representative Fraction) कहा जाता है।
(8) True Meridian :- धरती पर मौजूद किसी क्षेत्र का ट्रू मेरिडियन असल में एक असल में एक काल्पनिक चक्कर जो उस क्षेत्र और दोनों नार्थ और साउथ पोल में से निकलता है की दिशा से पता चलता है
(9) Magnetic Meridian :- किसी चुंबकीय सुई (जो कि चुंबकीय क्षेत्र के प्रभाव में न हो) को स्वतंत्रतापूर्वक लटकाने से जिस दिशा में यह ठहर जाए उसी को Magnetic Meridian कहते हैं।
(10) Local Attraction :- चुंबकीय सुई जब चुंबकीय प्रभाव क्षेत्र में आती है तो यह अपनी सही दिशा से भटक जाती है इसी को Local Attraction कहा जाता है।
(11) Dip of Magnetic Needle :- चुंबकीय सुई क्षैतिज के साथ जितने कोण पर झुक जाए उसी को डिप ऑफ नीडल कहते हैं।
(12) Traverse :- सर्वे के दौरान खींची गई सर्वे लाइनों जो आपस में जुड़ी होती हैं और इनकी लंबाई और दिशा पता होती है, इन्हीं जुड़ी लाइनों को Traverse कहते हैं।
(13) R.L. :- किसी भी प्वाइंट का R.L. (Reduced Level) उस प्वाइंट की डैटम से ऊंचाई अथवा गहराई को कहते हैं।
(14) B.M. :- सर्वे के दौरान किसी भी फिक्स प्वाइंट की R.L. को हम Bench Mark कहते हैं। बाकी प्वॉइंट्स के R.L. इसी से निकाले जाते हैं।
(15) Parallax :- जब ऑब्जेक्ट गिलास द्वारा बनी इमेज डायाफार्म के प्लेन में न बने तो इमेज की क्रॉस हेयर के साथ संबंधित चाल को Parallax कहते हैं।
(16) Level Book :- जब सर्वे में लेबलिंग का कार्य किया जाता है तो सर्वे के दौरान फील्ड में नोट किए गए नोट्स एक बुक में नोट किए जाते हैं जिसे लेबल बुक कहते हैं।
(17) Hypsometery :- हमें पता है, कि जैसे-जैसे हम ऊंचाई पर जाते हैं पानी का उबाल बिंदु बदल जाता है। इस विधि से हम पानी के उबाल बिंदु से ऊंचाई का अंदाजा लगाते हैं।
(18) Contour :- जब ग्राउंड पर सर्वे किया जाता है तो वह लाइन जिस पर मौजूद सभी बिंदुओं का लेवल एक सा हो उसी को Contour कहते हैं।
(19) Contour Interval :- दो क्रमश (साथ-साथ वाले) Contour के बीच में Vertical दूरी को कंटूर इंटरवल कहते हैं।
(20) Transiting :- जब टेलिस्कोप की वर्टिकल प्लेन में 180° पर घुमाया जाता है तो इसे प्लजिंग/रिवर्सिंग/ट्रांस्टिंग कहा जाता है।
(21) Swinging :- जब टेलीस्कोप को क्षैतिज प्लेन में घुमाया जाता है तो इसे Swinging कहा जाता है।
(22) Curve :- सड़क, रेलवे लाइन, नहर, सुरंग आदि बनाते समय दिशा में एक सार और सुविधाजनक बदलाव करने के लिए कर्व का निर्माण करते हैं।
(23) Horizontal Curve :- क्षैतिज तल में बनाई जाती कर्व को हॉरिजॉन्टल कर्व कहा जाता है।
(24) Vertical Curve :- वर्टिकल तल से बनाई जाती कर्व को वर्टिकल कर्व कहते हैं।
(25) Apex of Curve :- कर्व के मध्य बिंदु को Summit अथवा Apex कहा जाता है।
(26) Versed Sine :- कर्व के अपेक्स और लंबी कार्ड के मध्य बिंदु के बीच की दूरी को Versed Sine कहा जाता है।
(27) Curve Designation :- कर्व बनाने के लिए अर्ध व्यास का माप अथवा लंबी कार्ड द्वारा कर्व के केंद्र पर बनाया कोण ही कर्व का Designation कहलाता है।
(28) Super Elevation or Cant :- घुमावदार सड़क के कर्व पर बाहरी किनारे को अंदरूनी किनारे के मुकाबले ऊपर उठाना Super Elevation अथवा कैंट कहलाता है।
निष्कर्ष :-
आज के इस लेख में हमने सर्वेक्षण (surveying) क्या होता है | विषय से संबंधित कई सारे सवालों के जवाब सरल शब्दों में अपने पाठकों को देने का प्रयास किया है। इस आर्टिकल के द्वारा आज आप सभी को सर्वेक्षण (surveying) क्या होता है| सर्वेक्षण का वर्गीकरण (Classification of Surveying) ,तकनीकी शब्द (Technical Terms) के बारे में बताया है | उम्मीद करते है की आपको यह लेख जरूर पसंद आया होगा। यदि लेख पसंद आए तो इसे शेयर जरूर करें।
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