हेलो दोस्तों स्वागत है आपका मेरे इस नए आर्टिकल में आज हम बात करने वाले हैं पैट्रोलियम इंजीनियर के बारे में आज हम जानेंगे कि पैट्रोलियम इंजीनियरिंग क्या होती है और पैट्रोलियम इंजीनियर बनने के लिए क्या करना पड़ता है और हम जानेंगे कि पैट्रोलियम इंजीनियर बनने के बाद कितनी सैलरी मिलती है और कहां कहां पर जॉब मिलती है और हम जानेंगे कि पैट्रोलियम इंजीनियरिंग के लिए भारत में कौन कौन से कॉलेज प्रसिद्ध है और अगर आप विदेश में पैट्रोलियम इंजीनियरिंग करना चाहते हैं तो आपको भी देश के प्रसिद्ध इंजीनियरिंग कॉलेजों के बारे में भी बताया गया है और इसके अलावा और भी बहुत सी बातें आपको बताएंगे तो चलिए शुरू करते हैं—
इंजीनियरिंग यह एक ऐसा कैरियर विकल्प है जिसे आजकल बहुत ज्यादा मात्रा में पसंद किया जा रहा है और चुना जा रहा है। क्योंकि इंजीनियरिंग के बाद सरकारी और प्राइवेट बहुत सी जगह में करियर ऑप्शन उपलब्ध है। आज हम आपको बताएंगे पैट्रोलियम इंजीनियरिंग के बारे में आप खुद सोच सकते हैं कि अगर पूरे विश्व में 1 दिन के लिए किसी भी प्रकार का इंजन उपलब्ध ना हो तो क्या होगा, इसका मतलब यह है कि कोई बहाना नहीं चलेगा घर में गैस के चूल्हे नहीं चलेंगे और बहुत सारी जगहों पर लाइट भी नहीं होगी।
पेट्रोलियम प्रोडक्ट की बढ़ती कमी और नए पैट्रोलियम सोर्सेज की खोज बढ़ती जा रही है, इसी कारण पैट्रोलियम इंजीनियरिंग की मांग भी बढ़ती जा रही है। एक रिपोर्ट के अनुसार 2026 तक इस फील्ड में 15 फ़ीसदी तक बड़ोती होगी। अब इस फील्ड में युवाओं का इंटरेस्ट और भी अधिक होता जा रहा है।तो चलिए दोस्तों अब विस्तार से समझ लेते हैं—
पेट्रोलियम इंजीनियरिंग क्या होती है ?
पेट्रोलियम इंजीनियरिंग एक विशेष विभाग है जो पेट्रोलियम उत्पादों के उत्पादन, प्रसंस्करण और वितरण से संबंधित होता है। यह उत्पादों के समुद्री निर्माण से लेकर उत्पादक स्थलों के खोज, विकास और संरक्षण तक के सभी पहलुओं को सम्मिलित करता है।
पेट्रोलियम इंजीनियरिंग उत्पादक संसाधनों के विनिर्माण तकनीकों, उत्पादन संचालन तकनीकों, ताकत और संचालन के लिए संरचनाओं, पाइपलाइन, नल और टैंक की विकसित तकनीकों, उत्पादों के रफाइनिंग और वितरण के लिए संसाधनों के संचालन तकनीकों जैसी उन्नत तकनीकों का अध्ययन करता है।
इसके अलावा, पेट्रोलियम इंजीनियरिंग उत्पादन, संचालन और वितरण में सुरक्षा, वातावरणीय उपयोग, जीवनकारी उपयोग, वित्तीय और कानूनी मुद्दों के संबंध में भी ध्यान देता है।
पेट्रोलियम इंजीनियरिंग को क्यों चुनें?
यदि आप उत्पादन, प्रसंस्करण और वितरण से संबंधित क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं तो पेट्रोलियम इंजीनियरिंग आपके लिए उत्तम करियर विकल्प हो सकता है।
यह क्षेत्र तेजी से विकास कर रहा है और अनेक नौकरियां पेट्रोलियम इंजीनियरिंग के क्षेत्र में उपलब्ध हैं। यह क्षेत्र तकनीकी नवाचार लाता है जो आपके करियर के लिए उपयोगी हो सकते हैं।
पेट्रोलियम उत्पादों की मांग लगातार बढ़ रही है जिससे इस क्षेत्र में काम करने वालों की मांग भी बढ़ती जा रही है। आप पेट्रोलियम इंजीनियरिंग में उत्पादन, संचालन और वितरण संसाधनों के बारे में विस्तृत ज्ञान हासिल कर सकते हैं।
यह एक बहुत व्यापक क्षेत्र है जो न केवल आपको उत्पादन और संचालन तकनीकों के बारे में सीखने का मौका देता है, बल्कि आपको सुरक्षा, वातावरण, जीवनकारी उपयोग और वित्तीय मुद्दों के बारे में भी जानकारी प्रदान करता है।
पेट्रोलियम इंजीनियर के महत्त्व। (Importance)
पेट्रोलियम इंजीनियरिंग का महत्व बहुत है। यह उत्पादन, प्रसंस्करण और वितरण के लिए तकनीकी ज्ञान को लाता है जो पेट्रोलियम उत्पादों के उत्पादन और वितरण को संभव बनाता है। इसके अलावा, पेट्रोलियम इंजीनियर निम्नलिखित कार्यों का भी जिम्मेदार होता है:-
- नई पेट्रोलियम उत्पादों के खोज और विकास
- उत्पादन से जुड़ी तकनीकों का अध्ययन और विकास
- नियंत्रण और संचालन की तकनीकों का विकास और लागू करना
- उत्पादन और वितरण के लिए संरचनाओं का निर्माण
- विभिन्न उत्पादों के अलग-अलग गुणवत्ता मानकों का निर्धारण
पेट्रोलियम इंजीनियरिंग न केवल पेट्रोलियम उत्पादों के विकास में महत्वपूर्ण होता है, बल्कि इसमें संबंधित सुरक्षा, वातावरण एवं जीवनकारी उपयोग के मामलों में भी ज्ञान होता है। इसलिए, यह एक बहुत ही महत्त्वपूर्ण क्षेत्र है जो विभिन्न तकनीकी चुनौतियों का सामना करता है।
पेट्रोलियम इंजीनियरिंग करने के लाभ।
पेट्रोलियम इंजीनियरिंग एक बहुत ही लाभदायक क्षेत्र है जो विभिन्न मानदंडों के अनुसार कई लाभ प्रदान करता है। कुछ महत्वपूर्ण लाभ निम्नलिखित हैं:
अच्छी वेतनमान: पेट्रोलियम इंजीनियरिंग करने वालों को बहुत अच्छा वेतनमान मिलता है। इस क्षेत्र में काम करने वाले व्यक्ति कम समय में ज्यादा पैसे कमा सकते हैं।
नौकरी के अवसर: पेट्रोलियम इंजीनियरिंग के क्षेत्र में काफी अधिक संभावनाएं होती हैं। उत्पादन, प्रसंस्करण और वितरण क्षेत्र में नौकरियों की बहुत सारी आवश्यकताएं होती हैं जिससे कि यह नौकरी का एक बड़ा क्षेत्र होता है।
तकनीकी ज्ञान: पेट्रोलियम इंजीनियरिंग करने से आप तकनीकी ज्ञान प्राप्त करते हैं जो उत्पादन, प्रसंस्करण और वितरण क्षेत्र में आपकी कैरियर के लिए बहुत उपयोगी होता है।
तकनीकी विकास: पेट्रोलियम इंजीनियरिंग क्षेत्र में काम करने से आप नवीनतम तकनीकी विकास के लिए अपने योगदान के साथ अंतर्राष्ट्रीय मानकों के साथ सहयोग कर सकते हैं।
विस्तृत करियर विकास: पेट्रोलियम इंजीनियरिंग के क्षेत्र में काम करने से विस्तृत करियर विकास के अवसर होते हैं। एक उत्तम काम इतिहास और अनुभव के साथ आप अपने करियर में उच्चतम पदों तक पहुंच सकते हैं।
पेट्रोलियम इंजीनियरिंग में B.Tech करने के लिए योग्यता।
- 10+2 पास होना - आपको पेट्रोलियम इंजीनियरिंग में B.Tech की योग्यता के लिए 10+2 पास होना आवश्यक होता है।
- PCM में 50% अंक - आपके 10+2 में विज्ञान (PCM) से और अंकों में कम से कम 50% होने चाहिए।
- एंट्रेंस एग्जाम - कुछ इंस्टीट्यूट में एंट्रेंस एग्जाम देने की आवश्यकता होती है जैसे कि जीई मेन, जीएटीयू इत्यादि।
- संबंधित इंजीनियरिंग में B.Tech - आपको इंजीनियरिंग या एक संबंधित क्षेत्र में B.Tech की डिग्री होनी चाहिए।
पेट्रोलियम इंजीनियर कैसे बनें ?
पेट्रोलियम इंजीनियर बनने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करना होगा:-सही शैक्षणिक योग्यता हासिल करें: पेट्रोलियम इंजीनियर बनने के लिए, आपको उच्च शैक्षणिक योग्यता हासिल करनी होगी। इसके लिए, आपको 10+2 के बाद इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री होनी आवश्यक होगी।
एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी करें: कुछ पेट्रोलियम कंपनियों और सरकारी संस्थानों में प्रवेश के लिए एंट्रेंस एग्जाम आयोजित किए जाते हैं। इन परीक्षाओं में सफल होने के लिए आपको तैयारी करनी होगी।
संबंधित कोर्स करें: पेट्रोलियम इंजीनियरिंग में कोर्स करने से आपको इस क्षेत्र के बारे में गहरी जानकारी होगी। इस फील्ड में अध्ययन करने के लिए भारत में कई संस्थान उपलब्ध हैं, जहां आप इंजीनियरिंग के संबंधित डिग्री या डिप्लोमा प्राप्त कर सकते हैं।
पेट्रोलियम इंजीनियरिंग के लिए प्रवेश परीक्षा ( Entrance Exam)
अगर आप पेट्रोलियम इंजीनियरिंग करना चाहते हैं तो आपको पेट्रोलियम इंजीनियरिंग करने के लिए प्रवेश परीक्षा देनी होगी अलग-अलग कॉलेज की अपनी अलग प्रवेश परीक्षा होती है लेकिन कुछ ऐसी सामान्य परीक्षाएं हैं जो ज्यादातर कॉलेज करवाते हैं उनमें से कुछ इस प्रकार हैं—- JEE Main
- JEE Advanced
- BITSAT
- UPSEE
- VITEEE (Vellore Institute of Technology Engineering Entrance Exam)
- GATE (Graduate Aptitude Test in Engineering)
- SRMJEEE (SRM Joint Engineering Entrance Examination)
- MU OET (Manipal University Online Entrance Test)
- LPUNEST (Lovely Professional University National Eligibility and Scholarship Test)
- KIITEE (Kalinga Institute of Industrial Technology Entrance Examination)
पेट्रोलियम इंजीनियरिंग करने के लिए आवेदन प्रक्रिया (Admission Process)
पेट्रोलियम इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल करने के लिए आवेदन प्रक्रिया विश्वविद्यालय या कॉलेज के आधार पर भिन्न हो सकती है। हालाँकि, यहाँ कुछ सामान्य चरण दिए गए हैं जो आमतौर पर आवेदन प्रक्रिया में शामिल होते हैं :-ऑनलाइन आवेदन: अधिकांश पेट्रोलियम इंजीनियरिंग कॉलेजों में ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया होती है। उम्मीदवारों को संबंधित कॉलेज की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन करना होता है।
प्रवेश परीक्षा: उम्मीदवारों को प्रवेश परीक्षा देनी होती है। प्रवेश परीक्षा में अधिकतम अंक प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों को संबंधित पेट्रोलियम इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश दिया जाता है।
कट ऑफ मार्क्स: कुछ पेट्रोलियम इंजीनियरिंग कॉलेजों में कट ऑफ मार्क्स का आधार बनाकर प्रवेश दिया जाता है।
काउंसलिंग: उम्मीदवारों को काउंसलिंग प्रक्रिया में भाग लेना होता है। काउंसलिंग प्रक्रिया के दौरान, उम्मीदवारों को अपनी प्राथमिकताओं के अनुसार एक कॉलेज चुनना होता है और फिर उन्हें उस कॉलेज में प्रवेश दिया जाता है।
डॉक्युमेंट सत्यापन: सीट आवंटित करने के बाद, आवेदकों को उनकी पात्रता सत्यापन के लिए अपने डॉक्युमेंट प्रस्तुत करने की आवश्यकता होती है।
फीस जमा करना: अंतिम चरण में, आवेदकों को अपनी फीस जमा करनी होती है जो इंस्टीट्यूट द्वारा निर्धारित की जाती है।
पेट्रोलियम इंजीनियरिंग करने के लिए जरूरी दस्तावेज़।
पेट्रोलियम इंजीनियरिंग कोर्स में एडमिशन के लिए निम्नलिखित दस्तावेज जरूरी होते हैं:-- उम्मीदवार की 10 वीं और 12 वीं की मार्कशीट
- उम्मीदवार की जन्मतिथि प्रमाणित करने वाला दस्तावेज जैसे जन्मतिथि प्रमाण पत्र या एडमिट कार्ड
- उम्मीदवार का पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ
- यदि आवेदक अनुसूचित जाति / जनजाति / अति पिछड़ा वर्ग (SC/ST/OBC-NCL) से हैं, तो आवेदक को उसकी जाति प्रमाणित करने वाला दस्तावेज जमा करना होगा।
- आवेदन शुल्क का प्रत्येक आवेदक द्वारा जमा किया गया प्रमाणपत्र
- उम्मीदवार के लिए वैध प्रवेश परीक्षा प्रमाणपत्र
- चयन प्रक्रिया के दौरान उपलब्ध होने पर सलाह दिया जाता है कि उम्मीदवार अपनी शैक्षणिक प्रतिभा, कार्य अनुभव, और अन्य संबंधित विवरणों को दर्शाने के लिए संबंधित दस्तावेज जमा करें।
पेट्रोलियम इंजीनियरिंग के लिए भारत के टॉप 10 बेहतरीन कॉलेज।
अगर आप पेट्रोलियम इंजीनियरिंग करना चाहते हैं और आप एक अच्छा कॉलेज खोज रहे हैं, तो भारत में पेट्रोलियम इंजीनियरिंग के कई अच्छे कॉलेज हैं। नीचे भारत के टॉप 10 बेहतरीन कॉलेज दिए गए हैं—- Indian Institute of Technology, Bombay (IIT-B)
- Indian Institute of Technology, Madras (IIT-M)
- Indian School of Mines, Dhanbad
- Pandit Deendayal Petroleum University, Gandhinagar
- University of Petroleum and Energy Studies, Dehradun
- Rajiv Gandhi Institute of Petroleum Technology, Raebareli
- Indian Institute of Technology, Kharagpur (IIT-KGP)
- Maharashtra Institute of Technology, Pune
- Institute of Technology, Banaras Hindu University, Varanasi
- National Institute of Technology, Warangal (NIT Warangal)
पेट्रोलियम इंजीनियरिंग के लिए विदेश में टॉप 10 बेहतरीन कॉलेज।
अगर आप पेट्रोलियम इंजीनियरिंग करना चाहते हैं और आप विदेश में एक अच्छा कॉलेज खोज रहे हैं, तो नीचे पेट्रोलियम इंजीनियरिंग के लिए निम्नलिखित कॉलेजों को शामिल किया गया है। ये कॉलेज विश्वसनीय और उच्च शिक्षा प्रदान करने वाले संस्थान हैं।- Massachusetts Institute of Technology (MIT), USA
- Stanford University, USA
- University of Texas at Austin, USA
- Texas A&M University, USA
- Colorado School of Mines, USA
- Imperial College London, UK
- Heriot-Watt University, UK
- Norwegian University of Science and Technology (NTNU), Norway
- University of Aberdeen, UK
- University of Calgary, Canada
पेट्रोलियम इंजीनियरिंग की डिग्री का सिलेबस।
पेट्रोलियम इंजीनियरिंग की डिग्री का सिलेबस उन विषयों से मिलता-जुलता होता है, जो अन्य इंजीनियरिंग शाखाओं में भी होते हैं। लेकिन इसमें पेट्रोलियम के खास विषय भी शामिल होते हैं। निम्नलिखित विषय पेट्रोलियम इंजीनियरिंग की डिग्री के सिलेबस का हिस्सा होते हैं :-- भौतिकी (Physics)
- रसायन विज्ञान (Chemistry)
- अवसंरचना और गुणवत्ता नियंत्रण (Structure and Quality Control)
- पेट्रोलियम ज्ञान (Petroleum Geology)
- भूविज्ञान (Geoscience)
- थर्मोडाइनामिक्स और तापमान के नियम (Thermodynamics and Heat Transfer)
- उत्पादन इंजीनियरिंग (Production Engineering)
- रिजर्वोयर इंजीनियरिंग (Reservoir Engineering)
- बुरे पानी व्यवस्थापन (Sour Water Management)
- लबोरेटरी कार्य (Laboratory Work)
- कंप्यूटर एडेड डिजाइन (Computer Aided Design)
पेट्रोलियम इंजीनियरिंग में फीस कितनी लगती है?
पेट्रोलियम इंजीनियरिंग कोर्स की फीस विभिन्न कारणों पर निर्भर करती है जैसे कि कॉलेज के चयन, देश, पाठ्यक्रम की अवधि, और शैक्षणिक सत्यापन आदि।भारत में, एक बैचलर्स डिग्री के लिए पेट्रोलियम इंजीनियरिंग के लिए फीस कुल मिलाकर 4 लाख से 15 लाख रुपये तक हो सकती है।
यदि आप विदेश में पेट्रोलियम इंजीनियरिंग की शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं, तो फीस कुछ अधिक होगी। उदाहरण के लिए, अमेरिका में, एक बैचलर्स डिग्री के लिए पेट्रोलियम इंजीनियरिंग के लिए फीस कुल मिलाकर 20,000 डॉलर से अधिक हो सकती है।
फीस के अलावा, आपको अन्य खर्चों के लिए भी धन देने की आवश्यकता हो सकती है, जैसे कि पुस्तकें, लैपटॉप, और शैक्षणिक समूहों के सदस्यता आदि।
पेट्रोलियम इंजिनियर को सैलरी कितनी मिलती है?
पेट्रोलियम इंजीनियरों को सैलरी देने के लिए कई कारक जैसे कि क्षेत्र, नौकरी का प्रकार, अनुभव, कॉम्पनी का आकार आदि को ध्यान में रखा जाता है।भारत में, एक नौकरी करने वाले पेट्रोलियम इंजीनियर को सालाना 4 लाख से लेकर 20 लाख रुपये तक की सैलरी मिल सकती है। इसके अलावा, यदि आप बड़ी उद्योग कंपनियों में नौकरी करते हैं तो आपको अधिक सैलरी भी मिल सकती है।
विदेश में, एक पेट्रोलियम इंजीनियर को सालाना 80,000 डॉलर से लेकर 200,000 डॉलर तक की सैलरी मिल सकती है। यह भी क्षेत्र, कंपनी और अनुभव के आधार पर भिन्न हो सकता है।
संक्षेप में, पेट्रोलियम इंजीनियरों को भारत और विदेश दोनों में अच्छी सैलरी मिलती है, लेकिन यह अपनी क्षमता, नौकरी के प्रकार, और अनुभव के आधार पर भिन्न होती है।
पेट्रोलियम इंजीनियर के लिए जॉब प्रोफाइल?
पेट्रोलियम इंजीनियर उत्खनन के विभिन्न विभागों में काम करते हैं। उनका काम उत्खन संबंधित समस्याओं का समाधान करना, उत्खन के लिए नए संचार मार्ग खोजना, तंत्रों की विकास और उनकी सुविधाओं का निरीक्षण करना, और उत्खन उपकरणों के लिए नए प्रौद्योगिकी तत्वों का अध्ययन करना होता है।कुछ प्रमुख नौकरियां निम्नलिखित हैं :-
- excavation engineer
- excavator design engineer
- Excavation Electrical Engineer
- Excavator Production Engineer
- technical excavation engineer
- quarry geologist
- Excavation Geo-Earth Engineer
- Excavator Delivery Engineer
- Excavator Quality Control Engineer
- Mining Environmental Engineer.
पेट्रोलियम इंजीनियर के लिए टॉप रिक्रूटर्स।
अगर आपने पेट्रोलियम इंजीनियरिंग कर ली है तो आपके लिए टॉप रिक्रूटर्स की लिस्ट नीचे दी गई है—- Shell
- Exxon Mobil
- BP
- Chevron
- Total
- Conoco Phillips
- Halliburton
- Baker Huggett
- Schamberger
- Petro fax.
पेट्रोलियम इंजीनियर के लिए जरूरी Skills
पेट्रोलियम इंजीनियर के लिए जरूरी स्किल्स निम्नलिखित हैं:-- उत्खन अभियांत्रिकी और उत्खन प्रौद्योगिकी के बारे में गहन ज्ञान।
- समस्या निराकरण कौशल (तकनीकी त्रुटियों के समाधान के लिए दक्षता)।
- टेक्नोलॉजी की नवीनतम रिसर्च और उत्खन और पेट्रोलियम से संबंधित तकनीकों का ज्ञान।
- उत्खन पंप, बॉयलर और उत्खन संरचनाओं को समझने के लिए तकनीकी ज्ञान।
- स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय तकनीकी मानकों, संरचनाओं और कैलिब्रेशन तकनीकों का ज्ञान।
- विभिन्न पेट्रोलियम उत्पादों के साथ अधिक व्यापक ज्ञान, जैसे कि क्रूड ऑयल, नेचुरल गैस, पेट्रोल, डीजल आदि।
- उत्खन स्थल पर सुरक्षा नियंत्रण और नियंत्रण कौशल जैसे HAZOP, HAZID, JSA आदि का ज्ञान।
- ट्रबलशूटिंग और उत्खन विकास के लिए उपयुक्त तकनीकों का ज्ञान।
- समय और संसाधनों को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने की क्षमता।
सामान्य स्किल्स :-
- समस्या समाधान कौशल: उत्खन अभियांत्रिकी में समस्याओं को समाधान करने के लिए कौशल की आवश्यकता होती है। यह कौशल उत्पादन को बढ़ावा देने, कम लागत में उत्पादन करने और संदेशन को अधिक उत्पादक बनाने में मदद करते हैं।
- टीमवर्क कौशल: एक उत्खन अभियांत्रिक उसके टीम के साथ काम करता है, जो अन्य अभियंताओं, सहायक इंजीनियरों, मैनेजमेंट व्यक्तियों और कामगारों से मिलकर बनते हैं। उत्खन अभियांत्रिक के लिए सही टीमवर्क कौशल अत्यंत जरूरी होता है।
पेट्रोलियम इंजीनियर क्या करता है ?
पेट्रोलियम इंजीनियर उपयोग की जाने वाली तकनीकों और विज्ञान का उपयोग करते हुए पेट्रोलियम उत्पादन से संबंधित विभिन्न कामों को सम्पन्न करते हैं। उनके काम में शामिल हो सकते हैं:-- खोज: पेट्रोलियम इंजीनियरों का मुख्य काम होता है नए खनिज संसाधनों का खोज करना और उन्हें प्रदर्शित करना।
- विश्लेषण: पेट्रोलियम इंजीनियर उपयोगी खनिज संसाधनों के स्रोतों को विश्लेषण करते हैं। इस विश्लेषण के दौरान वे संभवतः उत्पादकता और प्रतिस्पर्धा दरों के बारे में भी विश्लेषण करते हैं।
- निर्माण: पेट्रोलियम इंजीनियरों का एक अहम काम नए पेट्रोलियम वेल्स का निर्माण होता है। उन्हें वेल का निर्माण, संरचना और निर्माण में सक्षम होना चाहिए।
- अध्ययन और विकास: पेट्रोलियम इंजीनियरों को नई और बेहतर तकनीकों का अध्ययन और विकास करना चाहिए।
पेट्रोलियम इंजीनियर कहां काम करते हैं ?
पेट्रोलियम इंजीनियर कई जगहों पर काम कर सकते हैं, जैसे कि:-पेट्रोलियम कंपनियों में: पेट्रोलियम कंपनियों में इंजीनियरों की भर्ती की जाती है, जो खनिज संसाधनों को उत्पादन करने में सक्षम होते हैं।
खोज और निरीक्षण कंपनियों में: इन कंपनियों में पेट्रोलियम इंजीनियरों की भर्ती की जाती है, जो खोज और निरीक्षण के लिए काम करते हैं।
सरकारी कंपनियों में: विभिन्न सरकारी कंपनियों जैसे ऑयल एण्ड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन लिमिटेड (ONGC) आदि में भी पेट्रोलियम इंजीनियरों की भर्ती की जाती है
अन्य खनिज संबंधित कंपनियों में: पेट्रोलियम इंजीनियर अन्य खनिज संबंधित कंपनियों में भी काम कर सकते हैं, जैसे कि ज्वेलरी उत्पादन इंडस्ट्री, मिनरल एक्सट्रैक्शन इंडस्ट्री आदि।
विश्वविद्यालयों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में: पेट्रोलियम इंजीनियर शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ाई करके अध्यापन या शोध के लिए भी चुन सकते हैं।
निष्कर्ष :-
आज इस लेख में हमने आप सभी को Petroleum Engineer क्या होता है और कैसे बने और सैलरी कितनी होती है। Petroleum Engineer Kya hota hai kese bane salary kitni milati hai kam kya hota hai kya scope hai के बारे में बताने का प्रयास किया है, इस लेख में आपको Petroleum Engineer क्या होता है और Qualification क्या चहिए और एक Petroleum Engineer की सैलरी कितनी होती है। उम्मीद करता हु की आप को मेरा यह लेख पसंद आया होगा इस लेख को अपने दोस्तों और साथियो के साथ जरूर शेयर करें धन्यवाद।